वनों के प्रकार ( Types of forests )

➤  वनों के प्रकार ( Types of forests )


➮ "भौगोलिक विभिन्नताओं के आधार पर छत्तीसगढ़ में प्रमुख रूप से चार प्रकार के वन पाए जाते हैं "


  1. साल वन ✔
  2. सागौन वन ✔
  3. मिश्रित वन ✔
  4. बाँस के वन ✔


➥साल वन 


• छत्तीसगढ़ के कुल वन क्षेत्र के 24,244.872 वर्ग किमी क्षेत्रफल के 40.56 % हिस्से में माल के वन हैं । इसके अन्तर्गत लगभग एक - तिहाई वन क्षेत्र आते हैं एवं इनका विस्तार 125 सेमी वर्षा वाले क्षेत्रों में पाया जाता है । बस्तर के कुछ भागों में साल वृक्षों के साथ धेवड़ा , जामुन , महुआ , साजा आदि वृक्ष भी मिलते हैं एवं बस्तर को साल वनों का द्वीप भी कहते हैं । साल को राज्य का राजकीय वृक्ष घोषित किया गया है एवं इसका उपयोग रेल के स्लीपर बनाने में किया जाता है । 


➥सागौन वन 


• छत्तीसगढ़ में सागौन के वृक्ष पश्चिमी एवं दक्षिणी भाग में पाए जाते हैं । राज्य के करीब 9.42 % क्षेत्र में सागौन वन प्राप्त होते हैं । ये मुख्यतः राजनान्दगाँव , कबीरधाम , सारंगढ़ रेंज एवं बीजापुर वन मण्डलों में मिलते हैं । 


➥मिश्रित वन 


• मिश्रित वन सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ में पाए जाते हैं । इनमें साल , सागौन वृक्ष के अतिरिक्त अन्य पर्णपाती वृक्ष तेन्दू , बीजा , हल्दू , सलई , बेर , सेमल , कुसुम , पलास , इमली आदि प्रमुख हैं । ये वन मुख्यतः दुर्ग , उत्तरी रायपुर , महासमुन्द , सारंगढ़ , जशपुर , कोरिया आदि वन मण्डलों में मिलते हैं । 


➥बाँस के वन  


• मिश्रित वनों में ही बाँस के वृक्ष पाए जाते हैं राज्य के रायगढ़ , लैलुंगा तथा खरसिया रेंज में ये वन मुख्यतः पाए जाते हैं । यहाँ के बांस काफी मजबूत होते है । सरगुजा के शुष्क मिश्रित वनों में बाँस प्रमुख है । प्रदेश के वनोपज से प्राप्त कुल आय में से 20 % योगदान बाँस का होता है । 


राज्य में वनोपज 


"राज्य में वन उत्पादों को मोटे तौर पर दो भागों में विभाजित किया जाता है "


मुख्य वनोपज 


• इसमें मुख्यतः काष्ठ उत्पाद एवं जलाऊ लकड़ी को रखा गया है । इसमें वे वृक्ष प्रजातियाँ सम्मिलित हैं , जिनसे इमारती लकड़ी प्राप्त होती है । राज्य में 13 वृक्ष प्रजातियों को इमारती लकड़ी की श्रेणी में रखा गया है । 


गौण वनोपज 


• गौण वनोपज में बाँस , तेन्दू पत्ता , इमली , महुआ , गोंद , हर्ग , लाख , चिरौंजी , खैर , बबूल , फूल , बेल , बहेड़ा , कुसुम बीज , आँवला फल आदि हैं ।

Post a Comment

Previous Post Next Post